लोकसभा का पहला सत्र 24 से, सबसे पहले शपथ होगी, इस बार मजबूत होगा विपक्ष
खरी खरी संवाददाता
नई दिल्ली, 23 जून। अठारहवीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून से शुरू होने जा रहा है। इस लोकसभा में भी काम काज पहले की लोकसभाओं की तरह ही होगा लेकिन 16वीं और 17 वीं लोकसभा की तुलना में इस लोकसभा में सत्तापक्ष की दमदारी कमजोर होगी। गठबंधन सरकार होने के बाद भी अकेले की दम पर बहुमत के कारण बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी पिछली दो लोकसभाओं में जितने पावरफुल थे, उतने इस बार नहीं होंगे। सरकार तो इस बार भी एनडीए गठबंधन की है लेकिन मुख्य घटक बीजेपी इस बार अकेले की दम पर बहुमत न होने के कारण कमजोर है। उसे विपक्ष के साथ साथ सत्ता पक्ष के कुछ दलों के तीखे तेवर भी झेलने पड़ेंगे। विपक्ष इस बार ज्यादा पावर फुल होने के कारण एक्शन में दिखाई देगा। इस बार अधिकृत तौर पर नेता प्रतिपक्ष का पद मिलने के कारण विपक्ष के हौसले बुलंद हैं।
अठारहवीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून को जब शुरू होगा तो सबसे पहले सदन के सदस्यों को शपथ दिलाई जाएगी। इससे पहले राष्ट्रपति भवन में नव नियुक्त प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब को राष्ट्रपति शपथ दिलाएंगी। शपथ लेने के बाद प्रोटेम स्पीकर लोकसभा पहुंचकर सदन की कार्यवाही शुरू करेंगे। सबसे पहले दो मिनट का मौन धारण सत्रावसान के दौरान दिवंगत विशिष्टजनों को श्रद्धांजलि दी जाएगी। इसके बाद प्रोटेम स्पीकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संसद के सदस्य के रूप में शपथ दिलाएंगे। नेता प्रतिपक्ष का नाम अभी तय नहीं होने के कारण दूसरे क्रम पर राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त अध्यक्षीय समिति के सदस्यों को शपथ दिलाई जाएगी। इसमें कांग्रेस नेता के. सुरेश, द्रमुक नेता टीआर बालू, भाजपा के राधा मोहन सिंह और फग्गन सिंह कुलस्ते तथा तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंद्योपाध्याय शामिल हैं। यह समिति नए स्पीकर का चुनाव होने तक सदन के संचालन में स्पीकर की मदद करेगी। समिति सदस्यों की शपथ के बाद मोदी कैबिनेट के सदस्यों को शपथ दिलाई जाएगी। उनके बाद लोकसभा के शेष सदस्य अपने नाम के अल्फाबैटिकल क्रम में शपथ लेगें। उन्हें स्पीकर और अध्यक्षीय समिति के सदस्य शपथ दिलाएंगे। लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए चुनाव बुधवार 26 जून को होगा। इस बार स्पीकर पद को लेकर भी काफी चर्चा है। स्पीकर पद को लेकर आम सहमति बन पाती है या नहीं यह भी देखने वाली बात होगी। विपक्ष की ताकत भी बढ़ी है तो ऐसे में सदन के भीतर का नजारा भी बदला-बदला होगा। दस दिनों का यह सत्र होगा और सत्र शुरू होने से पहले ही प्रोटेम स्पीकर को लेकर विपक्ष सवाल खड़े कर रहा है। संसद सत्र 24 जून से शुरू होकर 3 जुलाई तक चलेगा। दस दिन के इस सत्र में कुल 8 बैठकें होंगी। 29 और 30 जून को अवकाश रहेगा। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा 28 जून को शुरू होगी। प्रधानमंत्री द्वारा दो या तीन जुलाई को इस चर्चा पर अपना जवाब देने की उम्मीद है। संसद का सत्र तीन जुलाई को संपन्न होगा। केंद्रीय बजट पेश करने के लिए, संसद के दोनों सदनों की बैठक जुलाई के तीसरे सप्ताह में फिर से बुलाए जाने की उम्मीद है।